छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ के दà¥à¤°à¥à¤— जिले की रहने वाली जोया मिरà¥à¤œà¤¾ (Zoya Mirza) ने आरà¥à¤®à¥à¤¡ फोरà¥à¤¸à¥‡à¤¸ मेडिकल कालेज (AFMC) पà¥à¤£à¥‡ में à¤à¤®à¤¬à¥€à¤¬à¥€à¤à¤¸ पूरा करने के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना में à¤à¤• कमीशन लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट डॉकà¥à¤Ÿà¤° बनकर इतिहास रच दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 2023-24 में AFMC में à¤à¤®à¤¬à¥€à¤¬à¥€à¤à¤¸ की डिगà¥à¤°à¥€ हासिल करके यह उपलबà¥à¤§à¤¿ हासिल की। कॉलेज में लड़कों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में लड़कियों के लिठअधिक कट-ऑफ है। यह उपलबà¥à¤§à¤¿ जोया के दृढ़ संकलà¥à¤ª और अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सेवा करने की मजबूत पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ को दिखाती है।
जोया का कहना है कि मैं बचपन से ही अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤¶à¥€à¤² रही हूं। पढ़ाई के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ मेरे à¤à¥à¤•ाव को देखकर मेरी दादी ने मà¥à¤à¥‡ डॉकà¥à¤Ÿà¤° बनने और लोगों की सेवा करने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से à¤à¤• साल पहले उनका निधन हो गया और वह मà¥à¤à¥‡ डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥€ पोशाक पहने हà¥à¤ नहीं देख सकी। जोया के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• मेरे परिवार को वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ा, इसलिठमेरे माता-पिता ने मà¥à¤à¥‡ पास के à¤à¤• कम पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ सà¥à¤•ूल में दाखिला दिलाया। मैंने तीसरी ककà¥à¤·à¤¾ पूरी करने तक वहां पढ़ाई की। उसके बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ केपीà¤à¤¸ à¤à¤¿à¤²à¤¾à¤ˆ में à¤à¥‡à¤œ दिया, जहां मैंने 12वीं ककà¥à¤·à¤¾ तक अपनी शिकà¥à¤·à¤¾ पूरी की।
जीव विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पढ़ाई कर रही जोया ने 12वीं ककà¥à¤·à¤¾ के दौरान ही NEET परीकà¥à¤·à¤¾ की तैयारी शà¥à¤°à¥‚ कर दी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। अपने रिजलà¥à¤Ÿ से निराश महसूस करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ की पढ़ाई करने का मन बना लिया। लेकिन उनकी दादी और पिता ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• साल का गैप लेने और NEET की तैयारी के लिठकोटा à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ के लिठराजी किया।
जोया का कहना है कि इस बीच मेरी मां ने à¤à¤• सरकारी सà¥à¤•ूल के टीचर के रूप में कमाई शà¥à¤°à¥‚ कर दी और मेरे पिता ने छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ राजà¥à¤¯ कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट संघ के लिठपिच कà¥à¤¯à¥‚रेटर के रूप में काम करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। फिर à¤à¥€, मेरे माता-पिता को मेरी शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठपैसे उधार लेने पड़े। मैं कोटा गई, लेकिन मेरा आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ तब पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† जब मैंने देखा कि अनà¥à¤¯ छातà¥à¤° पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ टेसà¥à¤Ÿ में मà¥à¤à¤¸à¥‡ बेहतर पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर रहे हैं।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि NEET परीकà¥à¤·à¤¾ से 15-20 दिन पहले मà¥à¤à¥‡ अपनी दादी की बीमारी के कारण घर लौटना पड़ा। बाद में, मैं अपनी दूसरी कोशिश के लिठकोटा लौट आई। अफसोस की बात है कि मैंने सिरà¥à¤« à¤à¤• रैंक से सीट सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करने का अवसर गंवा दिया। हालांकि मेरी रैंक 13वीं थी, लेकिन सीट à¤à¤²à¥‹à¤•ेशन 12वीं पर समापà¥à¤¤ हो गया।
इसके बाद मेरी दादी ने मà¥à¤à¥‡ NEET में à¤à¤• और मौका लेने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया और मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¿à¤²à¤¾à¤ˆ वापस बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾, जहां मैंने à¤à¤• कोचिंग सेंटर जॉइन किया। जोया ने कहा कि à¤à¤¿à¤²à¤¾à¤ˆ के शिकà¥à¤·à¤•ों, विशेष रूप से अयà¥à¤¯à¤°, विकास और सौरठने मेरा मनोबल बनाठरखने में मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ सहयोग दिया।
जोया का कहना है कि उनकी दादी और पिता बताया करते थे कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में दो महान पेशे हैं - à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° और दूसरा सैनिक होना। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° के तौर पर मैं लोगों की सेवा कर सकती हूं और रकà¥à¤·à¤¾ सेवाओं में शामिल होकर मैं राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सेवा कर सकती हूं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वह खà¥à¤¦ को à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ मानती हैं कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह दोनों अवसर मिले।
जोया का कहना है कि 2019 में मैंने 622 अंकों के साथ पहली बार नेशनल टेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग à¤à¤œà¥‡à¤‚सी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित NEET को पास किया और AFMC का विकलà¥à¤ª चà¥à¤¨à¤¾à¥¤ AFMC में महिला उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के लिठकट-ऑफ सà¥à¤•ोर 620 था, जबकि पà¥à¤°à¥à¤· उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के लिठयह 600 अंक था। AFMC में 4.5 साल के à¤à¤®à¤¬à¥€à¤¬à¥€à¤à¤¸ कोरà¥à¤¸ को पूरा करने से उनके परिवार का सपना पूरा हà¥à¤†à¥¤ अब, जैसा कि मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना में कमीशन मिला है, मैं à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° और à¤à¤• सैनिक के रूप में सेवा कर सकती हूं।
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