By Prabhjot Singh
वरà¥à¤· 1984 आम तौर पर पंजाबी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ और विशेष रूप से सिख समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लिठउथल-पà¥à¤¥à¤² à¤à¤°à¤¾ रहा होगा। उन कायरतापूरà¥à¤£ और दà¥à¤–द घटनाओं को पीछे छोड़ना किसी के लिठà¤à¥€ आसान नहीं होगा जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने न केवल पंजाब और देश की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ को बलà¥à¤•ि अनà¥à¤¯ जगहों पर à¤à¥€ पंजाबी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को हिलाकर रख दिया।
उस समय जब पंजाबी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ निराशा में डूबा था दो विदेशी पंजाबियों à¤à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸à¥€ सिंह गà¥à¤°à¥‡à¤µà¤¾à¤² और कà¥à¤²à¤¬à¥€à¤° सिंह à¤à¥Œà¤°à¤¾ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को यह बताकर आशा जगाई कि समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ कितना उदà¥à¤¯à¤®à¤¶à¥€à¤² है। न केवल उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले विदेशी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के रूप में इतिहास में नाम दरà¥à¤œ कराया बलà¥à¤•ि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• नई पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की जिसे तब से ही मेहनतकश पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने बरकरार रखा है।
उनकी बहादà¥à¤°à¥€ ने इसे 'बà¥à¤°à¤¾à¤‚ड इंडिया' के शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठके रूप में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ à¤à¤• नया अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ लिखा। 2016 समापà¥à¤¤ होने से पहले à¤à¤• और पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजीव राम ने रियो ओलंपिक खेलों में ओलंपिक पदक (रजत) जीतकर बà¥à¤°à¤¾à¤‚ड इंडिया की लौ को जीवित रखा।
पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसने समकालीन खेल जगत में कई लोगों का दिल जीता। दिसंबर में जब कनाडा की à¤à¤• फीलà¥à¤¡ हॉकी टीम कà¥à¤†à¤²à¤¾à¤²à¤‚पà¥à¤° में 13वें जूनियर विशà¥à¤µ कप में खेलने गई तो उसके 11 सदसà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के थे। जà¥à¤¯à¥‹à¤¥ सिदà¥à¤§à¥‚, लीटन डिसूजा, जूलियस डिसूजा, अरमान बागड़ी, गौरव घई, रॉबिन थिंड, रवपà¥à¤°à¥€à¤¤ गिल, सतपà¥à¤°à¥€à¤¤ धडà¥à¤¡à¤¾, अरà¥à¤œà¥à¤¨ चीमा, मानसोरवर सिदà¥à¤§à¥‚ और जोशà¥à¤† मिरांडा उस दल में थे। इनके अलावा, जॉन डिसूजा, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दो ओलंपिक खेलों में कनाडा का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ किया था, à¤à¥€ कà¥à¤†à¤²à¤¾à¤²à¤‚पà¥à¤° गठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनके बेटे लीटन डिसूजा को कनाडा का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करने के लिठचà¥à¤¨à¤¾ गया था।
2016 में लखनऊ में खेले गठजूनियर विशà¥à¤µ कप हॉकी टूरà¥à¤¨à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ट में कनाडाई टीम के 16 में से 12 सदसà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के थे। बà¥à¤°à¥ˆà¤‚डन परेरा, हरबीर सिदà¥à¤§à¥‚, परमीत गिल, रोहन चोपड़ा, राजन काहलों, कबीर औजला, बलराज पनेसर (कपà¥à¤¤à¤¾à¤¨), गंगा सिंह, गेविन बैंस, अरà¥à¤¶à¤œà¥€à¤¤ सिदà¥à¤§à¥‚ और इकà¥à¤µà¤µà¤¿à¤‚दर गिल की सराहना की जानी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी à¤à¤¾à¤—ीदारी के लिठअपना खरà¥à¤šà¤¾ खà¥à¤¦ उठाया।
वहीं 2016 जूनियर वरà¥à¤²à¥à¤¡ कप में ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ टीम में à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल की à¤à¤• खिलाड़ी किरण अरà¥à¤£à¤¾à¤¸à¤²à¤® थीं। यह काफी समय बाद हà¥à¤† कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल का कोई खिलाड़ी हॉकी में ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ के लिठखेल रहा था। कà¥à¤² मिलाकर पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने ओलंपिक खेलों, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤®à¤‚डल खेलों और कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट सहित खेल की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया है।
कà¥à¤†à¤²à¤¾à¤²à¤‚पà¥à¤° में जूनियर विशà¥à¤µ कप से पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के दो खिलाड़ियों केगिन परेरा और बलराज पनेसर ने सैंटियागो चिली में पैन à¤à¤® गेमà¥à¤¸ में कनाडा का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ किया जबकि पैन गेमà¥à¤¸ 2023 की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में अजय डडवाल, परमीत पॉल सिंह, मेहताब गà¥à¤°à¥‡à¤µà¤¾à¤² और मोहन गांधी ने हॉकी में अमेरिकी परचम लहराया।
पहलवान निशान रंधावा ने सैंटियागो गेमà¥à¤¸ में कनाडा के लिठकांसà¥à¤¯ पदक जीता। पदक विजेताओं में यà¥à¤µà¤¾ टीटी खिलाड़ी à¤à¥€ शामिल थे। नरेश नंदन और नरेश सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¥à¤¥ ने टेबल टेनिस में पà¥à¤°à¥à¤· यà¥à¤—ल में कांसà¥à¤¯ पदक जीता।
आप किसी à¤à¤¸à¥‡ खेल का नाम बताइठजिसमें पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने अपने वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ निवास वाले देशों के लिठखà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ न की हो। ओलंपिक खेलों में कनाडा, अमेरिका, ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾, मलेशिया, इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड, केनà¥à¤¯à¤¾, यà¥à¤—ांडा और हांगकांग सहित 17 देशों का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ ने किया है।
हालांकि पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ ने देश और पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को गौरवानà¥à¤µà¤¿à¤¤ किया है लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार को अà¤à¥€ à¤à¥€ इसका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¾à¤¨ देना बाकी है। हालांकि à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दिवस का आयोजन शà¥à¤°à¥‚ किया है जहां पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया जाता है लेकिन खिलाड़ियों और महिलाओं को अà¤à¥€ तक उनका हक नहीं मिला है।
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