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साइंस-टेक्नोलोजी में कैसे मजबूत हो रहे अमेरिका-भारत के संबंध, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया

राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकारों में से एक डॉ. पंचनाथन ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी स्थापित करने पर भी काम चल रहा है। हम जैव अर्थव्यवस्था और जैव विनिर्माण के क्षेत्रों में एक साथ काम करने पर विचार कर रहे हैं।

डॉ. सेथुरमन पंचनाथन नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक हैं। X@DrPanch /

अमेरिका और भारत के बीच न सिर्फ सामरिक और आर्थिक बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में भी सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक और नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक डॉ. सेथुरमन पंचनाथन ने कहा है कि दोनों महान लोकतंत्र के बीच मजबूत साझेदारी को अमेरिका के सभी दलों का पूर्ण समर्थन है।

पंचनाथन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) के जरिए हम भारत के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमने 35 प्रोजेक्टों के साथ शुरुआत की थी। इसमें से 2022 में हमने छह डिजिटल प्रौद्योगिकी केंद्रों को फंड दिया था। अब अमेरिकी और भारतीय शोधकर्ताओं के बीच कई नए संयुक्त प्रस्तावों पर विचार चल रहा है।

राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकारों में से एक डॉ. पंचनाथन ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी स्थापित करने पर भी काम चल रहा है। हम जैव अर्थव्यवस्था और जैव विनिर्माण के क्षेत्रों में एक साथ काम करने पर विचार कर रहे हैं। यह राष्ट्रपति बाइडेन की तरफ से हाल ही में जारी आदेश के अनुरूप है। 

उन्होंने कहा कि जब मैं भारत जाता हूं और लोगों से बात करता हूं तो मैं भविष्य के उद्यमों, उद्योगों को लेकर नजरिए में स्पष्ट अंतर देखता हूं। मैं भारत में कई संस्थान देखता हूं जो मौलिक खोज अनुसंधान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुसंधान में भी शामिल होना चाहते हैं। मुझे उद्योगों के साथ साझेदारी में काम करने की बहुत अधिक इच्छा दिखती है। 

उन्होंने कहा कि भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नवीन अर्थव्यवस्था बनाने की चाहत भारत और अमेरिका में स्पष्ट दिख रही है। यह हम सभी के लिए समृद्धि का अवसर हो सकता है। पिछले 10 वर्षों में काफी तेजी से सहयोग बढ़ाने के प्रयास हुए हैं।

पंचनाथन ने कहा कि वह भारत द्वारा नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की शुरुआत को एक अच्छा कदम मानते हैं। यह दिखाता है कि आप विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने, इनोवेशन और नई खोजों के लिए विभिन्न विभागों के निवेश को कैसे समन्वित कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में कुशल तकनीकी युवा कामगार प्रदान करने वाले संस्थान हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि लोगों को भविष्य के उद्योगों के लिए प्रशिक्षित किया जाए। 

डॉ. पंचनाथन नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) के 15वें निदेशक हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी पंचनाथन एक कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं। चेन्नई में जन्मे पंचनाथन ने आईआईटी मद्रास से पढ़ाई की है। उन्हें हाल ही में प्रतिष्ठित नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के लिए चुना गया है।

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