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मिशिगन के प्रोफेसर अनिल जैन को BBVA फाउंडेशन का प्रतिष्ठित पुरस्कार

2008 में स्थापित फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड्स को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक माना जाता है।

अनिल जैन को ये पुरस्कार सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी श्रेणी में प्रदान किया गया है।  / Image- engineering.msu.edu

मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल के. जैन को BBVA फाउंडेशन की तरफ से फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें ये पुरस्कार सूचना और संचार प्रौद्योगिकी श्रेणी में प्रदान किया गया है। 

यह पुरस्कार मशीन लर्निंग में जैन के योगदान को मान्यता प्रदान करता है, जिसने बायोमेट्रिक्स और एआई में परिवर्तनकारी तरीके से इस्तेमाल को सक्षम बनाया है। जैन को यह पुरस्कार प्रेडिक्टिव एल्गोरिदम में अग्रणी योगदान के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले के माइकल आई. जॉर्डन के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है।

2008 में स्थापित फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड्स को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक माना जाता है। यह साइंस, टेक्नोलोजी, ह्यूमैनिटीज और म्यूजिक समेत आठ श्रेणियों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को प्रदान किया जाता है। पुरस्कारों का उद्देश्य दुनिया में ज्ञान का लोगों की भलाई के रूप में इस्तेमाल करने को बढ़ावा देना है।

अनिल जैन को फिंगरप्रिंट रिकग्निशन तकनीक के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने आंखों से पहचान (आईरिस रिकग्निशन) में भी अग्रणी कार्य किया है। फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान की प्रणाली ने अपराधों की जांच, निजी उपकरणों के इस्तेमाल और सुरक्षा तकनीकों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।

मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के अंतरिम डीन जॉन पापापोलीमरू ने जैन की तारीफ करते हुए कहा कि यह पुरस्कार यूनिवर्सिटी में उनके योगदान को रेखांकित करता है और दिखाता है कि परिवर्तनकारी तकनीक हमारे समाज को किस तरह सार्थक तरीके से बेहतर बना सकती हैं।

अनिल जैन ने कई रिसर्च पेपर और किताबें लिखी हैं जिनमें हैंडबुक ऑफ फिंगरप्रिंट रिकॉग्निशन और इंट्रोडक्शन टू बायोमेट्रिक्स प्रमुख हैं। उन्हें 275,000 से अधिक साइटेशन मिल चुके हैं। अकादमिक और टेक्नोलोजी की दुनिया में उनका योगदान काफी चर्चित है। 

जैन के पास एक दर्जन से अधिक पेटेंट हैं।  उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स के पैटर्न एनालिसिस और मशीन इंटेलिजेंस के एडिटर इन चीफ के रूप में भी कार्य किया है।

1948 में भारत के बस्ती शहर में जन्मे अनिल जैन ने आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद साइंस में मास्टर्स किया है। उन्होंने ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है। 

1974 में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में शामिल होने के बाद से जैन कई प्रमुख संस्थानों से संबद्ध रहे हैं। इनमें ईटीएच ज्यूरिख, आईबीएम का टीजे वाटसन रिसर्च सेंटर और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हैदराबाद प्रमुख हैं। 2021 से वह अमेज़ॅन स्कॉलर भी रहे हैं।

अनिल जैन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (यूएसए), इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य हैं। 

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