मानवाधिकार मामलों की अटॉर्नी बिनेफ़र नौरोजी (Binaifer Nowrojee) को ओपन सोसायटी फाउंडेशंस का प्रेसिडेंट नामित किया गया है। यह 25 अरब डॉलर का एक गैर लाभकारी संस्थान है, जिसकी फडिंग अरबपति बिजनेस जॉर्ज सोरोस से मिलती है। फाउंडेशन 100 देशों में ग्रांट प्रदान करता है।
जॉर्ज सोरोस ने प्रेस स्टेटमेंट में कहा कि मैंने जब ओपन सोसायटी फाउंडेशंस की स्थापना की थी, तब मैं इसे असल मायने में ग्लोबल संस्थान बनाना चाहता था। शुरू में यह मेरी सिर्फ इच्छा थी, लेकिन अब मुझे महसूस होता है कि बिनेफ़र नौरोजी को इसका अध्यक्ष बनाकर एक इंटरनेशनल टीम की मदद से इस सपने को साकार किया जा सकता है। केन्या में जन्मी बिनेफ़र नौरोजी फिलहाल फाउंडेशन में प्रोग्राम्स की वाइस प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वह जून से नई भूमिका संभालेंगी, जब मौजूदा प्रेसिडेंट मार्क मैलोच ब्राउन अपना पद छोड़ेंगे।
नौरोजी ने अपने बयान में कहा कि यह एक उत्कृष्ट संस्थान है। विश्व में मानवाधिकार मामलों में सबसे अधिक आर्थिक योगदान देने वाले इस संगठन की अध्यक्षता ऐसे समय मेरे पास आई ही, जब न्याय और करुणा की भावनाएं एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। यह मेरे लिए अब तक का सबसे बड़ा और बेहतर चैलेंज होगा। उन्होंने ट्वीट में आगे कहा कि अब समय आ गया है जब हम पूरी दुनिया में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मानवाधिकार मामलों को आगे ले जाने के अपने कमिटमेंट को दोगुना करें। मुझे गर्व है कि हम पिछले 20 वर्षों से इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
ओपन सोसायटी फाउंडेशंस के चेयरमैन जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि मुश्किल हालात में भी बिनेफ़र किस तरह दयालुता के साथ नेतृत्व करती हैं। वह एक अविश्वसनीय मानवाधिकार पैरोकार हैं जो ओएसएफ की परिवर्तनकारी ताकत में विश्वास करती हैं। वह ओएसएफ की भावना का प्रतीक है। मुझे विश्वास है कि वह हमारे अगले अध्याय का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करेंगी।
बिनेफ़र नौरोजी को तीन दशक तक काम करने का अनुभव है। OSF में उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। इस दौरान वह पूर्वी अफ्रीका फाउंडेशन की निदेशक, एशिया प्रशांत की क्षेत्रीय निदेशक और संगठनात्मक परिवर्तन मामलों की उपाध्यक्ष रहीं। ओपन सोसाइटी में आने से पहले नौरोजी ह्यूमन राइट्स वॉच में कानूनी सलाहकार के रूप में और लॉयर्स कमिटी में मानवाधिकार मामलों के स्टाफ अटॉर्नी के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं।
नौरोजी ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यौन हिंसा से जुड़े मामलों पर बड़े स्तर पर काम किया है। उन्होंने रवांडा के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण में विशेषज्ञ के रूप में गवाही भी दी है। नौरोजी पर 2015 में एक डॉक्यूमेंट्री "द अनकंडेम्ड" भी बन चुकी है, जिसमें भूमिका उन्होंने खुद निभाई थी।
बिनेफ़र नौरोजी अपने पिता फिरोज़ नौरोजी के नक्शेकदम पर चलती हैं जो एक प्रतिष्ठित मानवाधिकार वकील रहे हैं। वह वर्तमान में केन्या के उच्च न्यायालय में सीनियर काउंसल हैं। नौरोजी परिवार 1896 में रेलमार्ग पर काम करने के लिए भारत से केन्या चला गया था। फ़िरोज़ नौरोजी ने परिवार के प्रवासन पर एक किताब भी लिखी है- "ए केन्याई जर्नी। यह 2019 में रिलीज़ हुई थी।
ओपन सोसाइटी फाउंडेशंस के बारे में बताएं तो इसका काम दुनिया भर में फैला हैं। OSF ने 1999 में भारत में काम करना शुरू किया था। शुरू में यह उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता था। 2014 में OSF ने एक अनुदान देने का कार्यक्रम शुरू किया जो तीन क्षेत्रों में कार्य करने वाले संगठनों की मदद करता है- दवाओं तक पहुंच बढ़ाना, न्याय प्रणाली में सुधारों को बढ़ावा देना और मनोसामाजिक विकलांग लोगों के लिए अधिकारों व जीवनयापन को मजबूत करना।
ओपन सोसाइटी का सोरोस इकोनॉमिक डेवलपमेंट फंड भारत में छोटे किसानों और छोटे व्यवसायों को उनकी आय बढ़ाने में सहायता करता है। यह विकास कोष स्वास्थ्य देखभाल, स्कूली शिक्षा एवं वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भी लोगों की मदद करता है। 2008 के बाद से ओपन सोसाइटी ने बैंगलोर स्थित एस्पाडा इन्वेस्टमेंट्स द्वारा प्रबंधित स्टार्ट-अप और शुरुआती फंडिंग परियोजनाओं में 90 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। 2021 में ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन ने भारत में 406,000 डॉलर खर्च किए थे।
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