भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने 9 नवंबर को सनीवेल कैलिफ़ोर्निया में एक टाउन हॉल का आयोजन किया। बाहर पार्किंग स्थल और सनीवेल मिडिल स्कूल का सभागार खचाखच भरा हुआ था। सम्मानित नागरिकों के मन में अपने कांग्रेसियों के प्रति प्रेम तो स्पष्ट था लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर उनकी निराशा शालीनता की आड़ में छिपी हुई थी। वे जानना चाहते थे कि उनकी पार्टी चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प से क्यों हार गई?
इस माहौल में अर्थशास्त्र के पूर्व व्याख्याता, कांग्रेसी खन्ना से एक मिलनसार सज्जन ने पूछा- यदि आप और मैं किसी डिनर पर जाते हैं तो तो आप डेमोक्रेटिक पार्टी को कैसे ग्रेड देंगे? इस पर रो ने कहा- हमने श्रमिक वर्ग से बात करने और आय असमानता को दूर करने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया। दुनिया में आय असमानता 53वें से 128वें स्थान पर पहुंच गई है। हमारे यहां स्वास्थ्य देखभाल की लागत बढ़ रही है, बच्चों की देखभाल का खर्च बढ़ रहा है, आवास की बढ़ती लागत के साथ मजदूरी अपेक्षाकृत स्थिर है और लोगों को परेशानी हो रही है। असमानता हमें तोड़ रही है। ऐसे कई अन्य मुद्दे हैं जो हमें अलग कर रहे हैं, लेकिन जो चीज अमेरिका का ध्रुवीकरण कर रही है और उस कड़वाहट की ओर ले जा रही है वह कई अमेरिकियों के लिए यह भावना है कि उन्होंने अमेरिकी सपना देखने की क्षमता खो दी है।
सांसद रो ने कहा डेमोक्रेटिक पार्टी का प्राथमिक मिशन अवसर की इस असमानता को कम करना है। जहां धन है वहां इस असमानता को कम करना है। छूटे हुए लोगों और समुदायों तथा छूटे हुए स्थानों के लिए अच्छी वेतन वाली नौकरियां और उच्च वेतन का सृजन करना है। ऐसा करके हम इस देश को ठीक करना शुरू कर सकते हैं और मेल-मिलाप कर सकते हैं। और पार्टी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम विदेशी हस्तक्षेपों और युद्धों का समर्थन नहीं कर रहे हैं जो घर पर एक समुदाय के निर्माण से ध्यान भटकाते हैं। हमारे पास करने के लिए कई काम हैं।
खन्ना ने कहा डेमोक्रेट श्रमिक वर्ग के लिए एक ठोस आर्थिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने में विफल रहे। हम इसी कारण हार गए। वापस आने के लिए हमें उन परिवारों के गुस्से के बारे में बात करनी चाहिए जो हमारी आर्थिक व्यवस्था से प्रभावित हुए हैं और चैटजीपीटी द्वारा उत्पन्न किए जा सकने वाले दिखावटी नारों के बजाय उन्हें ठीक करने के लिए सर्जिकल समाधान पेश करना चाहिए।
कांग्रेसी खन्ना का समर्थन करते हैं जनमत सर्वेक्षण
सीएनएन-एनबीसी एग्जिट पोल ट्रम्प के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने वाले ब्लू कॉलर हिस्पैनिक लोगों की स्पष्ट तस्वीर पेश करते हैं। 8 नवंबर को एथनिक मीडिया सर्विसेज ब्रीफिंग में शिकागो विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर, पैनलिस्ट प्रोफेसर रॉबर्ट पेप ने कहा कि इससे निर्णायक अंतर आया।
रटगर्स यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर अमेरिकन वुमेन एंड पॉलिटिक्स की अनुसंधान निदेशक केली डिटमार ने कहा कि चुनाव में मुख्य मुद्दा आर्थिक रहा। उम्मीद थी कि प्रजनन अधिकार मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं को बड़ी संख्या में डेमोक्रेट की ओर आकर्षित करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह सच है कि कई मतदाताओं ने गर्भपात को अपने वोट विकल्प में कई महत्वपूर्ण कारकों में से एक के रूप में उद्धृत किया, लेकिन यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए अलग नहीं था। न ही यह महिलाओं को हमारे द्वारा देखे गए अन्य शीर्ष मुद्दों, मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र की तुलना में अधिक प्रभावित करता प्रतीत हुआ।
क्या कर सकते थे डेमोक्रेट
क्यूपर्टिनो के एक क्रोधित नागरिक ने कांग्रेसी से पूछा कि बाइडेन, नैन्सी पेलोसी और डायन्स फेनस्टेन जैसे उम्रदराज डेमोक्रेट्स को बाहर क्यों होना पड़ा। अभी चुनाव में जो हुआ उस पर मैं आपकी प्रतिक्रिया चाहता था? हम एक साल पहले बाइडेन की जगह किसी और को ला सकते थे क्योंकि हमारे पास वास्तविक प्राथमिक और इस चुनाव को जीतने का अच्छा मौका था। आप हमें किस प्रकार की गारंटी दे सकते हैं कि ऐसा होने से रोकने के लिए कोई नियम होगा? कोई आयु सीमा शायद 72 या कुछ और?
इस पर कांग्रेसी ने मजाक में कहा, शुक्र है कि आपने 48 नहीं कहा। खन्ना ने स्वीकार किया कि इस चुनाव ने दिखाया है कि देश पीढ़ीगत बदलाव चाहता है। मेरा तर्क यह है कि उपराष्ट्रपति जीत सकती थीं लेकिन उन्होंने कुछ समुदायों में आर्थिक कष्टों के बारे में पर्याप्त बात नहीं की। मैं उन लोगों को आश्वासन देता हूं जो नतीजों से बहुत निराश हैं कि एक साल में ट्रम्प बेकार हो जाएंगे और आपके पास पूरे देश में लोगों का एक नया समूह होगा। आप जो पीढ़ी परिवर्तन चाहते हैं वह आ रहा है!!
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