ब्रिटेन की पूर्व गृहमंत्री प्रीति पटेल ने विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा की है। प्रीति इस दौड़ में शामिल होने वाली भारतीय मूल की पहली महिला उम्मीदवार बन गई हैं।
इस महीने की शुरुआत में हुए चुनाव में पार्टी के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख ऋषि सुनक ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में पार्टी नेतृत्व की दौड़ शुरू हो गई। इसमें प्रीति पटेल (52) सुनक की जगह लेने वाली पांचवीं उम्मीदवार हैं।
प्रीति ने पार्टी के भीतर एकता का आह्वान करते हुए 'जीतने के लिए एकजुट हों' (युनाइट टू विन) के नारे के साथ अपना अभियान शुरू किया है। अभियान शुरू करते हुए पटेल ने कहा कि यह व्यक्तिगत प्रतिशोध से पहले एकता, पार्टी से पहले देश और स्वार्थ से पहले कुछ दिखाने का समय है। सोशल मीडिय मंच X पर पटेल ने कहा कि मैं विपक्ष में हमारा नेतृत्व कर सकती हूं, हमारी पार्टी को एकजुट कर सकती हूं। पार्टी को एकता, अनुभव और ताकत के साथ अगले चुनाव के लिए तैयार कर सकती हूं।
I am standing to be the new Leader of the Conservative Party.
— Priti Patel MP (@pritipatel) July 27, 2024
We must Unite to Win!
I can lead us in opposition and unite our party and get us match fit for the next election, with unity, experience and strength. #UnitewithPriti #UnitetoWinhttps://t.co/40VhD95mj3
पटेल ने इजरायली अधिकारियों के साथ अज्ञात बैठकों को लेकर 2017 में अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन 2019 में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार में गृहमंत्री के रूप में उनकी सत्ता में वापसी हुई।
पार्टी नेतृत्व की दौ़ड़ में अन्य उम्मीदवार पूर्व सुरक्षा मंत्री टॉम तुगेंदट, पूर्व विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली, पूर्व कार्य और पेंशन मंत्री मेल स्ट्राइड और पूर्व आव्रजन मंत्री रॉबर्ट जेनरिक हैं। सांसद पहले इस दौड़ को चार उम्मीदवारों तक सीमित करेंगे जो सितंबर के अंत में कंजर्वेटिव पार्टी के सम्मेलन में अपना मामला पेश करेंगे। अंतिम दो को पार्टी के सभी सदस्यों के वोट से चुना जाएगा और नए नेता की घोषणा 2 नवंबर को की जाएगी।
ब्रिटेन में जन्मी पटेल के माता-पिता गुजराती-युगांडा मूल के हैं। प्रीति को जॉनसन की इस्तीफा सम्मान सूची में डेमहुड से सम्मानित किया गया था। बाद में सुनक के कार्यकाल के दौरान प्रीति कुछ पीछे हट गईं जहां उन्होंने अक्सर उनकी सरकार की उच्च कराधान नीतियों की आलोचना की।
इसके अतिरिक्त उन्होंने डेविड कैमरून की सरकार में भारतीय प्रवासी चैंपियन के रूप में कार्य किया और हाल ही में हाउस ऑफ कॉमन्स में एसेक्स में विथाम के लिए फिर से निर्वाचित सांसद के रूप में शपथ ली है।
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