खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी के खिलाफ आरोप दायर करने वाले अमेरिकी संघीय अभियोजक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी डेमियन विलियम्स 13 दिसंबर, 2024 को अपने पद से हट जाएंगे।
यह घोषणा भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व अधिकारी विकास यादव से जुड़े मामले में बढ़ती दिलचस्पी के बीच आई है जिस पर पन्नू को निशाना बनाकर 'भाड़े पर हत्या' की साजिश रचने का आरोप है। विलियम्स द्वारा पिछले महीने दायर मामले में एक कथित सह-साजिशकर्ता निखिल गुप्ता भी शामिल है जिसे इस साल की शुरुआत में चेक गणराज्य से प्रत्यर्पित किया गया था।
बीते 5 नवंबर को अपने इस्तीफे के बयान में विलियम्स ने अपने कार्यकाल को एक विशेषाधिकार बताया और जिस संस्थान का उन्होंने नेतृत्व किया उसकी ताकत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपने सपनों की नौकरी छोड़ना कड़वा है लेकिन मुझे विश्वास है कि कार्यालय ईमानदारी और स्वतंत्रता के उच्चतम स्तर पर काम करता रहेगा। ऐसे समर्पित लोक सेवकों के साथ काम करना जीवन भर का सम्मान रहा है।
यादव के खिलाफ मामला उन आरोपों पर केंद्रित है जिनमें कहा गया है कि उन्होंने खालिस्तानी अलगाववाद के प्रमुख समर्थक और प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख पन्नू को चुप कराने की कोशिश की थी। पन्नू भारत सरकार का मुखर आलोचक रहा है और अपने संगठन के माध्यम से एक अलग खालिस्तान राज्य की मांग कर रहा है।
इस मामले में आरोपी दूसरे व्यक्ति गुप्ता ने सभी आरोपों से इनकार किया है। मुकदमा चल रहा है और अगली सुनवाई 19 जनवरी को होनी है। कानूनी विश्लेषकों का सुझाव है कि मामले की दिशा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने वाले प्रशासन के तहत बदल सकती है।
अटॉर्नी जनरल पद के लिए ट्रम्प द्वारा नामित पाम बॉन्डी सीनेट की पुष्टि तक न्याय विभाग की प्राथमिकताओं की देखरेख करेंगी। अब देखना यह है कि नया नेतृत्व इस हाई-प्रोफाइल मामले पर अपना क्या दृष्टिकोण रखता है।
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