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सुपर ट्यूजडे में विनय कृतिवेंती ने मारी बाजी, अन्य भारतीय अमेरिकियों का हाल जान लें

एमी बेरा और रो खन्ना को भारी अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाने में कामयाबी मिली है जबकि भारतीय मूल के कुछ उम्मीदवार चुनावी रेस से बाहर हो गए हैं।

विनय विन कृतिवेंती का मुकाबला अब आम चुनाव में एरिक स्वालवेल से होगा।  / X @vin4congress

कैलीफोर्निया के 14वें जिले से कांग्रेस की रेस में शामिल भारतीय मूल के विनय विन कृतिवेंती (Vinay ‘Vin’ Kruttiventi) को सुपर ट्यूजडे में अपने प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त हासिल करने में कामयाबी मिली है। रिपब्लिकन नेता विनय का मुकाबला अब आम चुनाव में एरिक स्वालवेल (Eric Swalwell) से होगा। 

5 मार्च को हुए सुपर ट्यूजडे इवेंट में विनय ने दो दावेदारों को मात देकर रिपब्लिकन उम्मीदवारी हासिल की है। 21 फीसदी वोटों की मतगणना में पेशे से बिजनेसमैन विनय को 17.8 प्रतिशत यानी 5246 वोट मिले जबकि स्वालवैल 64.5 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब रहे। स्वालवैल छठवीं बार प्रतिनिधि सभा में पहुंचने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

वोटों की गिनती के बीच विनय ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में कहा कि उन्हें ज्यादा अंतर से जीत हासिल करने की उम्मीद थी। मैं पहली पीढ़ी का अप्रवासी हूं। मैं अपने अमेरिकन ड्रीम को पूरा करने के लिए इस देश में आया था और कैलीफोर्निया वो जगह है, जिसने मेरे सपनों को पूरा करने में मदद की है। 

विनय ने आगे कहा कि कैलीफोर्निया की स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। लोगों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। हाउसिंग इनसिक्योरिटी बढ़ रही है। लोगों में नशेबाजी की लत बढ़ रही है। खुली हुई सीमाओं से बिना दस्तावेजों के आने वाले प्रवासियों की वजह से कानून व्यवस्था की स्थिति भी पैदा हो रही है। 

विनय ने भारतीय अमेरिकी बच्चों के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन अगर मैंने अपने राज्य को बचाने के लिए पहल नहीं की तो कौन करेगा। उन्होंने निवर्तमान सांसद स्वालवैल पर राज्य के लोगों को अनदेखा करके डीसी की राजनीति में व्यस्त रहने का आरोप लगाया। 

विनय ए5 सर्विसेस के संस्थापक सीईओ हैं। फेडरल इलेक्शन कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार, वह अपने चुनावी अभियान में अभी तक 5 लाख डॉलर से ज्यादा की रकम लगा चुके हैं। विनय कैलिफोर्निया के जिस 14वें जिले से चुनाव लड़ रहे हैं, वहां पर भारतीय मूल के अमेरिकियों की अच्छी खासी संख्या है। 

कैलीफोर्निया के 16वें जिले में भारतीय मूल के ऋषि कुमार समेत 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। 50 फीसदी वोटों की गिनती होने तक सैन जोस के पूर्व मेयर सैम लिकार्डो 22 प्रतिशत वोटों के साथ सबसे आगे हैं। सैंटा क्लेरा काउंटी के सुपरवाइजर जो सिमिशियन को 18 प्रतिशत वोट मिले हैं। दोनों ही डेमोक्रेट हैं। ऋषि कुमार 6.3 फीसदी वोटों के साथ 7वें नंबर पर हैं। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट हरमेश कुमार सीनेट की दावेदारी हासिल करने में नाकाम रहे हैं। 

कैलिफोर्निया के 6वें जिले से प्रतिनिधि एमी बेरा जो कि एक समय कांग्रेस में इकलौते भारतीय अमेरिकी थे, अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंदियों को हराने में कामयाब रहे हैं। उन्हें 55 फीसदी वोट मिले हैं। एमी बेरा 7वीं बार हाउस में पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। आम चुनाव में उनका मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार क्रिस्टीन बिश के साथ होगा।  

कैलीफोर्निया के 17वें जिले से निवर्तमान प्रतिनिधि रो खन्ना 5वीं बार हाउस में जाने के लिए जोर लगा रहे हैं। वह 60 फीसदी वोट लेकर विजयी हुए हैं। अब उनका मुकाबला रिपब्लिकन नेता क्रिस्टीन चेन से होगा। इस जिले से डेमोक्रेट बिजनेसमैन रितेश टंडन ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन महज 2318 वोट ही हासिल कर पाए। 

भारतीय मूल के अन्य उम्मीदवारों में कैलिफोर्निया के 76वें जिले से डेमोक्रेट दर्शना पटेल का मुकाबला अब रिपब्लिकन क्रिस्टी ब्रूस लेन के साथ होगा। वहीं 26वें जिले से तारा श्रीकृष्णन चुनावी रेस हार गई हैं। 
 

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