इस प्रदर्शनी में ऐसा क्या खास कि कई देशों के राजदूत/राजनयिक भी आए
अपनी तरह की इस पहली कला प्रदर्शनी का नाम था 'साइलेंट कन्वर्सेशन: फ्रॉम मार्जिन्स टू द सेंटर' और इसका आयोजन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और सांकला फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली में किया गया था।
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