भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा ऐसे गांवों में रहता है जहां समय पर अच्छी गुणवत्ता वाली और सस्ती स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पाती। इसके पीछे कई बाधाएं हैं। योग्य चिकित्सा कर्मी, आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों की कमी के कारण छोटे कस्बों और गांवों में रहने से कतराते हैं। इसके अलावा, इन गांवों में अक्सर पर्याप्त निदान परीक्षण सुविधाएं नहीं होती हैं। इस कारण चिकित्सा सेवाओं के लिए निकटतम कस्बे की यात्रा करनी पड़ती है। यह लागत बढ़ाने के साथ समय बर्बाद करती है। इस कारण, कई ग्रामीण तब तक इलाज में देरी करते हैं जब तक कि स्थिति गंभीर नहीं हो जाती।
ऐसे में डॉ. राज शाह के नेतृत्व में WHEELS Global Foundation की हेल्थ काउंसिल ने अपने अभिनव HEART (Healthcare Easy Access for Rural Community via Telemedicine) मॉडल के माध्यम से गांवों में होने वाली दिक्कतों के समाधान का बीड़ा उठाया है। यह मॉडल बेहतर गुणवत्ता और रोगी अनुभव के साथ सस्ती, समय पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है।
WHEELS का ग्रामीण टेलीमेडिसिन समाधान में कई प्रमुख बातें शामिल हैं। इनमें, एक ग्रामीण टेलीमेडिसिन केंद्र (RTC) जो एक सहायक (आमतौर पर एक स्थानीय व्यक्ति जिसके पास हाई-स्कूल / डिप्लोमा है) द्वारा संचालित होता है। केंद्र रोगी द्वारा डॉक्टर से सलाह करने से पहले महत्वपूर्ण निदान डेटा जुटाने के लिए चिकित्सा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सुसज्जित है। रोगियों को डॉक्टर के साथ सामान्य 10 मिनट का वीडियो परामर्श होता है। जिसके पास एक सटीक और कुशल उपचार योजना के लिए डिवाइस-जनित निदान और सॉफ्टवेयर-सक्षम ट्राईएज आउटपुट तक पहुंच होती है। अंत में, नुस्खे सीधे निकटतम फार्मेसी में या सहायक के माध्यम से भेजे जाते हैं। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि रोगियों को परामर्श के दौरान जल्दबाजी या अनावश्यक दोहराव वाले दौरे महसूस किए बिना व्यापक देखभाल मिले।
WHEELS प्रत्येक केंद्र को जरूरी उपकरण के लिए फंड मुहैया कराता है। इसमें स्मार्टफोन या टैबलेट, इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए सिम कार्ड, नुस्खे के लिए पोर्टेबल प्रिंटर और डिजिटल चिकित्सा उपकरण जैसे बीपी मॉनिटर, थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर शामिल हैं। इस टेलीमेडिसिन समाधान को MySmartCareDoc (टेलीमेडिसिन सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर) और आधे दर्जन से अधिक फील्ड पार्टनर के साथ साझेदारी में लागू किया गया है। रोगी लगभग 110 रुपये का मामूली शुल्क देते हैं। इसमें डॉक्टर की फीस के लिए 50 रुपये, सहायक की फीस के लिए 30 रुपये और सॉफ्टवेयर की लागत के लिए 30 रुपये शामिल है। यह शुल्क पार्टनर फाउंडेशन या सीएसआर से योगदान द्वारा सब्सिडाइज्ड किया जा सकता है, जो कर्मचारियों / या चिकित्सकों की लागत को ऑफसेट करता है। इस प्रकार HEART मॉडल स्व-निर्भर है। इस तरह से यह सहायकों और सहायक कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और आजीविका दोनों प्रदान करता है।
पहले चरण में WHEELS ने सात राज्यों (बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश) के गांवों में 306 टेलीमेडिसिन केंद्र शुरू किए। थोड़े समय में इन केंद्रों ने पहले ही लगभग 14,000 मरीजों के आने को मैनेज किया है। COVID-19 महामारी के दौरान इन केंद्रों ने ग्रामीणों को मुफ्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अगले चरण में WHEELS ने अब विभिन्न स्थानों पर केंद्रों को चलाने के लिए अन्य गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी की है। 2024 की तीसरी तिमाही के अंत तक दिल्ली में समहिता फाउंडेशन और सिग्मा फाउंडेशन के साथ लगभग 100 नए केंद्र शुरू होने वाले हैं। बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों में श्री मधुसूदन साई फाउंडेशन और बहार फाउंडेशन, गुजरात में सेवक फाउंडेशन और बिहार में ग्राम संसद के साथ साझेदारी हुई है। WHEELS का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 10,000 टेलीमेडिसिन केंद्र बनाना है, जो कई और राज्यों को कवर करेगा।
WHEELS व्यक्तियों और संगठनों को आगे आने और स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए आमंत्रित करता है। 1,000 डॉलर का योगदान यह सुनिश्चित करेगा कि भारत में वंचित ग्रामीण समुदाय को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा जीवन भर मिले।
(लेखिका WHEELS Global Foundation की मार्केटिंग और कम्युनिकेशन्स मैनेजर हैं। इस लेख में व्यक्त विचार और राय लेखिका के हैं और जरूरी नहीं कि ये न्यू इंडिया अबॉर्ड की आधिकारिक नीति या स्थिति को दर्शाते हों।)
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