à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पेशेवर और योगा ऑफ इमà¥à¤®à¥‹à¤°à¥à¤Ÿà¤²à¥à¤¸ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• ईशान शिवानंद का कहना है कि डेटा की पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ के कारण अमेरिका में मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾ अधिक गंà¤à¥€à¤° दिखाई दे सकती है। हालांकि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया कि à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि पशà¥à¤šà¤¿à¤® अधिक पीड़ित है या मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ से पराजित हो रहा है बलà¥à¤•ि पशà¥à¤šà¤¿à¤® के पास इन मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को उजागर करने के लिठअधिक संसाधन हैं। इसके विपरीत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर शोध सीमित है।
नà¥à¤¯à¥‚ इंडिया अबà¥à¤°à¥‰à¤¡ के साथ à¤à¤• साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार में ईशान कहते हैं कि अगर आप à¤à¤¾à¤°à¤¤ को देखें तो à¤à¤• बड़ा जनसंखà¥à¤¯à¤¾ समूह अà¤à¥€ à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ है। और जनसंखà¥à¤¯à¤¾ शहरी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ है। वहां बड़ी आबादी का पलायन हो रहा है और जो शोध किया गया है वह काफी सीमित है।
शिवानंद ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के साथ काम करने के अपने अनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ साà¤à¤¾ किये। इनमें करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• का जयदेव कारà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ रिसरà¥à¤š इंसà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट à¤à¥€ शामिल है जिसमें à¤à¤• बेहतर सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ हृदय कà¥à¤²à¤¿à¤¨à¤¿à¤• है जो मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ अनà¥à¤¸à¤‚धान पर à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस बात पर पà¥à¤°à¤•ाश डाला कि बेंगलà¥à¤°à¥ में अनà¥à¤¸à¤‚धान बहà¥à¤¤ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ था लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ की विशाल विविधता पर जोर दिया गया।
शिवानंद ने कहा कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯ अपने आप में à¤à¤• देश की तरह है। हमारे पास कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤•ृतियां, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धारà¥à¤®à¤¿à¤• समठहै। यदि आप कनà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ से कशà¥à¤®à¥€à¤° तक जाते हैं तो हमारे पास विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ à¤à¥‚गोल हैं और यदि आप पशà¥à¤šà¤¿à¤® से पूरà¥à¤µ की ओर जाते हैं तो यह इतना विविध है कि जब तक जनसंखà¥à¤¯à¤¾ के मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने के लिठà¤à¤• विशाल महाकावà¥à¤¯ जैसा कारà¥à¤¯ नहीं किया जाता है तब तक हमारे पास मूरà¥à¤¤ परिणाम नहीं होगा।
शिवानंद ने कहा कि पशà¥à¤šà¤¿à¤® के पास मौजूदा मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को उजागर करने के लिठसंà¤à¤µà¤¤à¤ƒ अधिक संसाधन हैं, फिर à¤à¥€ यह अपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ आबादी को अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ अमेरिकी पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त दà¥à¤µà¥€à¤ªà¤¸à¤®à¥‚ह की वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के तहत वरà¥à¤—ीकृत किया जाता है, à¤à¤• वरà¥à¤—ीकरण जो अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• विविध समूह को शामिल करता है।
कोविड के बाद मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ जागरूकता
शिवानंद ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के बारे में जागरूकता बढ़ी है। à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि कोविड के बाद मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ अचानक से सामने आà¤à¥¤ बात सिरà¥à¤« इतनी है कि कोविड के समय में हम सà¤à¥€ को सामूहिक विराम लेना पड़ा। उस विराम में हम अपने मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक हà¥à¤à¥¤
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚
शà¥à¤•à¥à¤° है à¤à¤¾à¤°à¤¤ के समृदà¥à¤§ इतिहास का। हम उन तौर-तरीकों से धनà¥à¤¯ हैं जो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रूप में बनाठगठथे और जो चिकितà¥à¤¸à¤•ीय और वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• रूप से किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के दिमाग की मदद करने, किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को शांतिपूरà¥à¤£, खà¥à¤¶ और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ बनने में मदद करने के लिठसिदà¥à¤§ हैं। योग, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और योग-आधारित पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤•रà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को किसी à¤à¥€ और अधिकांश मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• कठिनाइयों से उबरने में मददगार साबित हà¥à¤ˆ हैं।
मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठधà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¤• दीरà¥à¤˜à¤•ालिक समाधान
गैर-गंà¤à¥€à¤° मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ (जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जीवनशैली में संशोधन के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¬à¤‚धित किया जा सकता है) को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और योग-आधारित तौर-तरीकों से हल किया जाना चाहिà¤à¥¤ योग और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संकट का दीरà¥à¤˜à¤•ालिक समाधान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं। शिवानंद का मानना ​​है कि धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¨ की ओर ले जाठबिना सकारातà¥à¤®à¤•ता और खà¥à¤¶à¥€ को बढ़ावा देता है।
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