कशà¥à¤®à¥€à¤° के तंगधार और तà¥à¤°à¤¿à¤à¥Œà¤¨à¥€ गांवों में 90 सिख घर हैं, जहां करीब 500-600 सिख रहते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये दोनों गांव पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की à¤à¤¾à¤°à¥€ गोलाबारी के निशाने पर रहे और इस दौरान गांव के लोगों को चार लंबी रातें बंकरों के अंदर गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥€ पड़ीं। à¤à¤¸à¥‡ में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब गोलाबारी का मंजर था, उस समय लोगों को कैसे हाल था और उनपर कà¥à¤¯à¤¾ बीत रही थी। बता दें, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की सैनà¥à¤¯ कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ के कारण तंगधार और तà¥à¤°à¤¿à¤à¥Œà¤¨à¥€ में लोगों के घरों को काफी नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚चा था। जिनमें जतिंदर सिंह, चरण सिंह, अमरजीत सिंह, गà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤µ सिंह, रणजीत सिंह और बाबू सिंह के 6 घर à¤à¥€ शामिल थे, जो पूरी तरह से नषà¥à¤Ÿ हो गà¤à¥¤ अब सिरà¥à¤« वहा मलबा दिखाई दे रहा है।
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