अमेरिका में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आईटी कंपनियां à¤à¤• रणनीतिक बदलाव के दौर से गà¥à¤œà¤° रही हैं। à¤à¤• तरफ अमेरिका की बड़ी-बड़ी कंपनियां, जैसे Amazon, Meta, Google, और Microsoft ने H-1B वीजा वालों पर अपनी निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बढ़ा दी हैं। वहीं, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आईटी कंपनियों ने इसका उलà¥à¤Ÿà¤¾ रवैया अपनाया है। उनका H-1B वीजा पर निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ कम करने का रà¥à¤– है।
इकोनॉमिक टाइमà¥à¤¸ ने अपनी à¤à¤• सà¥à¤Ÿà¤¡à¥€ में बताया है कि 2016 के बाद से अमेरिकी टेक कंपनियों ने H-1B वीजा का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² 189% तक बढ़ा दिया है। Amazon ने तो इस मामले में सबसे अधिक 478% तक की बढ़ोतरी की है। वहीं, Meta ने 244% और Google ने 137% का इजाफा किया है। दूसरी तरफ़, TCS, Wipro, Infosys और HCL जैसे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आईटी दिगà¥à¤—जों ने H-1B वीजा का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² 56% तक कम कर दिया है।
यह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ IT कंपनियों के रणनीतिक बदलाव को दिखाता है। अब ये कंपनियां अमेरिका में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤“ं में à¤à¤¾à¤°à¥€ निवेश कर रही हैं और अमेरिका में काम करने वाले अनà¥à¤à¤µà¥€ पेशेवरों को गà¥à¤°à¥€à¤¨ कारà¥à¤¡ सà¥à¤ªà¥‰à¤¨à¥à¤¸à¤°à¥à¤¸ करने का à¤à¥€ ऑफर दे रही हैं। जैसे-जैसे ये कंपनियां अमेरिकी बाजार में मजबूत कदम रख रही हैं, वैसे-वैसे वो देश के अंदर ही सतत विकास को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता दे रही हैं।
कॉरपोरेट इमिगà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ लॉ फरà¥à¤® गोयल à¤à¤‚ड à¤à¤‚डरà¥à¤¸à¤¨ के मैनेजिंग पारà¥à¤Ÿà¤¨à¤° विक गोयल कहते हैं कि अमेरिकी कंपनियों को H-1B वीजा पर निरà¥à¤à¤° रहना पड़ता है। इसकी वजह ये है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¸à¥‡ कौशल वाले लोग चाहिठजो आसानी से देश में नहीं मिलते, खासकर डिजिटल टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफॉरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨, कà¥à¤²à¤¾à¤‰à¤¡ कंपà¥à¤¯à¥‚टिंग और AI जैसे नठटेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में। उनका मानना है कि इन खास कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में विशेषजà¥à¤žà¤¤à¤¾ को लेकर कड़ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ चल रही है।
लेकिन हाल ही में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डोनालà¥à¤¡ टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ ने (जो कड़े इमिगà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ नीतियों के लिठजाने जाते हैं) H-1B और H-4 वीजा धारकों (H-1B धारकों के जीवनसाथियों) के लिठमà¥à¤¶à¥à¤•िलें पैदा कर दी हैं। टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ इमिगà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ अधिनियम में बदलाव कर सकता है, जिसमें देश-सà¥à¤«à¥‡à¤¸à¤¿à¤«à¤¿à¤• कोटा à¤à¥€ शामिल हो सकता है। कà¥à¤› विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ का मानना है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ अमेरिका के मजबूत राजनयिक संबंधों के कारण, यह बदलाव à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठफायदेमंद हो सकता है। दिलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ Circle of Counsels के पारà¥à¤Ÿà¤¨à¤° रसेल ठसà¥à¤Ÿà¥ˆà¤®à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ का मानना है कि जिन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कंपनियों का अमेरिका में बड़ा कारोबार है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अमेरिकी नीतियों में बदलाव के हिसाब से खà¥à¤¦ को ढालना चाहिठताकि वो अचà¥à¤›à¥‡ परिणाम हासिल कर सकें।
इन नीतियों में बदलाव से विदेशी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤“ं के लिठखरà¥à¤š और à¤à¥€ बढ़ सकता है। H-1B वीजा के लिठफीस बढ़ने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। और इन रोल के लिठसैलरी की जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मांग होने लगेगी, जिससे कंपनियों पर और à¤à¥€ दबाव पड़ेगा। टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के पिछले कारà¥à¤¯à¤•ाल में H-1B वीजा आवेदनों पर पहले से कहीं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सखà¥à¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ थी। 34% आवेदनों के लिठअतिरिकà¥à¤¤ दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œ मांगे गठथे। इससे वीजा धारकों और उनके परिवारों को बहà¥à¤¤ चिंता हà¥à¤ˆ थी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि H-4 वीजा धारकों पर काम करने की योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ छिनने का खतरा मंडरा रहा था।
इन सà¤à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•िलों के बावजूद, à¤à¤¾à¤°à¤¤ का टेक सेकà¥à¤Ÿà¤° अमेरिका में à¤à¤• मजबूत पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ पाइपलाइन बनाने के लिठलगातार मेहनत कर रहा है। नैसà¥à¤•ॉम जैसे इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ बॉडी के जरिठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कंपनियों ने सà¥à¤Ÿà¥‡à¤® इनिशिà¤à¤Ÿà¤¿à¤µ में 1.1 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। 130 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अमेरिकी कॉलेज और यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के साथ साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ की है और लगà¤à¤— 255,000 करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी है। इस निवेश से अमेरिका में 600,000 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नौकरियां बनी हैं। ये साबित करता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤, अमेरिकी टेक इकोसिसà¥à¤Ÿà¤® के लिठकितना गंà¤à¥€à¤° है, चाहे वीजा नीतियां जितनी à¤à¥€ बदलें।
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