à¤à¤• जनवरी को दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में नया साल मनाया गया, लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में नठसाल का जशà¥à¤¨ अà¤à¥€ बाकी है। गà¥à¤°à¥€à¤—ोरियन कैलेंडर के à¤à¤• ही नà¥à¤¯à¥‚ ईयर के उलट, à¤à¤¾à¤°à¤¤ में नठसाल के तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° अलग-अलग तरीकों से मनाठजाते हैं। हर तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° अपने-अपने इलाके की परंपराओं, संसà¥à¤•ृति और इतिहास से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ हà¥à¤† है। केरल के हरे-à¤à¤°à¥‡ खेतों से लेकर पंजाब की गलियों तक, नठसाल का आगमन à¤à¤• बहà¥à¤¤ ही निजी और सामूहिक जशà¥à¤¨ होता है।
नया साल: फसल और परंपरा से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾
कई à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के लिà¤, नया साल फसलों की कटाई के मौसम के साथ मेल खाता है। कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ और नठसिरे से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ करने का जशà¥à¤¨ होता है। पंजाब में, बैसाखी अपà¥à¤°à¥ˆà¤² के मधà¥à¤¯ में कटाई के मौसम के खतà¥à¤® होने का जशà¥à¤¨ है। इसमें धूमधाम से दावतें होती हैं और à¤à¤¾à¤‚गड़ा-गिदà¥à¤¦à¤¾ के जोरदार कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® होते हैं। असम में, बोहाग बिहू (तीन बड़े बिहू तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में से à¤à¤•) असमी नया साल है, जिसमें किसान और परिवार मिलकर जशà¥à¤¨ मनाते हैं।
तमिलनाडॠमें, पà¥à¤¥à¤¾à¤‚डू खेती और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤µ दोनों को समेटता है। घरों को खूबसूरत कोलाम से सजाया जाता है। आम, केले और कटहल à¤à¥‡à¤‚ट चढ़ाठजाते हैं, जो समृदà¥à¤§à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• हैं। इसी तरह, बंगाल में पोहेला बैशाख, जो मà¥à¤—ल काल से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ है। यह शà¥à¤°à¥‚ में किसानों से टैकà¥à¤¸ वसूली का दिन था, लेकिन अब यह à¤à¤• सांसà¥à¤•ृतिक उतà¥à¤¸à¤µ बन गया है। इसमें मेले, जà¥à¤²à¥‚स और पारंपरिक नबोवरà¥à¤·à¥‹ की शà¥à¤à¤•ामनाà¤à¤‚ शामिल हैं।
नठसाल के अनोखे रिवाज और पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•
केरल में, अपà¥à¤°à¥ˆà¤² के मधà¥à¤¯ में मनाया जाने वाला विशॠà¤à¤• दिलचसà¥à¤ª रिवाज रखता है। इसे विशà¥à¤•ानी कहते हैं। इसमें चावल, फल, सोना और फूल जैसी शà¥à¤ चीजें à¤à¤• खास तरीके से सजाई जाती हैं, जो नठसाल की पहली नजर होती हैं। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि साल की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ समृदà¥à¤§à¤¿ के दृशà¥à¤¯ से करने से सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ मिलता है।
वहीं, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° में गà¥à¤¡à¤¼à¥€ पड़वा में गà¥à¤¡à¤¼à¥€ धà¥à¤µà¤œà¤¾ लगाई जाती है। यह à¤à¤• सजाया हà¥à¤† बांस का डंडा होता है, जिस पर रेशमी कपड़ा लपेटा जाता है और ऊपर à¤à¤• उलà¥à¤Ÿà¤¾ घड़ा होता है। यह जीत और à¤à¤• सफल साल की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। ओडिशा में, पना संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति में परिवार à¤à¤• खास ठंडा पेय, पना, बनाते हैं। इसे तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे को अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने के बाद अपनों के साथ बांटा जाता है।
नया साल और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• चिंतन
नठसाल के तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° धारà¥à¤®à¤¿à¤• परंपराओं से à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ है। कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनाया जाने वाला नवरेह धारà¥à¤®à¤¿à¤• चिंतन से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ है। परिवार नेचिपतà¥à¤° के साथ साल का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हैं, जो à¤à¤• पवितà¥à¤° पंचांग है। इसमें आने वाले महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ होती हैं। सिख समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लिà¤, नानकशाही नववरà¥à¤· महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। यह 1469 में गà¥à¤°à¥ नानक देव के जनà¥à¤® से शà¥à¤°à¥‚ होने वाले कैलेंडर पर आधारित है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में, आषाढ़ी बीज मॉनसून के मौसम की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ के साथ मेल खाता है, जिसमें किसान हवा में नमी के आधार पर अपनी आने वाली फसलों के बारे में अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाते हैं।
इतिहास और विरासत की गूंज
कà¥à¤› नठसाल के उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ की जड़ें सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ किंवदंतियों और à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ में हैं। पारसी नववरà¥à¤·, नवरोज, à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परंपरा है जो वसंत ऋतॠके पहले दिन को चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ करती है। यूनेसà¥à¤•ो दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानवता की अमूरà¥à¤¤ सांसà¥à¤•ृतिक विरासत के रूप में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤, नवरोज पà¥à¤°à¤•ृति के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है और घर की सफाई, दावत और हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया जाता है।
गोवा में शिगà¥à¤®à¥‹ का à¤à¤• योदà¥à¤§à¤¾ अतीत है। यह à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• रूप से यà¥à¤¦à¥à¤§ के बाद लौटने वाले सैनिकों के लिठघर वापसी का उतà¥à¤¸à¤µ था। आज, यह सड़क पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨, लोक नृतà¥à¤¯ और विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤‚कियों के साथ à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ उतà¥à¤¸à¤µ में विकसित हो गया है। गà¥à¤°à¥‡à¤—ोरियन कैलेंडर आधिकारिक समय-सीमा निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤° में लाखों लोगों के लिà¤, असली नया साल तब शà¥à¤°à¥‚ होता है जब उनकी परंपराà¤à¤‚ तय करती हैं। परिवारों, समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ और पीढ़ियों को उतà¥à¤¸à¤µ में à¤à¤• साथ लाती हैं।
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