23 दिसंबर को à¤à¤• बड़े फैसले में अमेरिकी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ बाइडेन ने मौत की सजा पाने वाले 37 कैदियों की सजा को कम करके उमà¥à¤°à¤•ैद कर दिया है। अब इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आजीवन जेल में रहना होगा और पैरोल की à¤à¥€ कोई उमà¥à¤®à¥€à¤¦ नहीं है। कà¥à¤² 40 कैदियों में से तीन लोग - बोसà¥à¤Ÿà¤¨ मैराथन बम धमाके का आरोपी जोखार तà¥à¤¸à¤¾à¤°à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤µ, पिटà¥à¤¸à¤¬à¤°à¥à¤— के सिनागॉग में गोलीबारी करने वाला रॉबरà¥à¤Ÿ बाउअरà¥à¤¸ और चारà¥à¤²à¥à¤¸à¤Ÿà¤¨ चरà¥à¤š में गोलीबारी करने वाला डायलन रूफ - अब à¤à¥€ मौत की सजा का सामना कर रहे हैं।
à¤à¤®à¤¨à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥€ इंटरनेशनल जैसे मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया है। इसे फेडरल सरकार की तरफ से दी जाने वाली मौत की सजा को खतà¥à¤® करने की दिशा में à¤à¤• कदम बताया है। लेकिन रिपबà¥à¤²à¤¿à¤•न नेताओं और टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के समरà¥à¤¥à¤•ों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ तà¥à¤°à¤‚त और कड़ी आई है। पूरà¥à¤µ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डोनालà¥à¤¡ टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤•ेशंस डायरेकà¥à¤Ÿà¤° सà¥à¤Ÿà¥€à¤µà¤¨ चेंग ने कहा, 'यह पीड़ितों, उनके परिवारों और उनके अपनों के साथ धोखा है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª कानून के शासन के पकà¥à¤·à¤§à¤° हैं। जब वह वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ हाउस में वापस आà¤à¤‚गे तो कानून का राज फिर से कायम होगा।'
अरà¥à¤•ांसस के सीनेटर टॉम कॉटन ने बाइडेन की आलोचना करते हà¥à¤ कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कानून का पालन करने वाले नागरिकों के बजाय अपराधियों को तरजीह दी है। वहीं, टेकà¥à¤¸à¤¾à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ चिप रॉय ने इस फैसले को 'अकलà¥à¤ªà¤¨à¥€à¤¯ और सतà¥à¤¤à¤¾ का दà¥à¤°à¥‚पयोग' बताया है।
बाइडेन और टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के विचारों में जमीन आसमान का अंतर
मौत की सजा मामले में पर बाइडेन और टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के विचारों में जमीन आसमान का अंतर है। टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के पहले कारà¥à¤¯à¤•ाल में 17 साल के अंतराल के बाद केंदà¥à¤° सरकार की तरफ से मौत की सजा को फिर से लागू करने का à¤à¤• बड़ा कदम उठाया गया था। जिसमें छह महीनों में 13 कैदियों को मौत की सजा दी गई थी। इनमें लिसा मोंटगोमरी à¤à¥€ शामिल थीं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1953 के बाद फेडरल सरकार की तरफ से मौत की सजा पाने वाली पहली महिला बना दिया गया था। बà¥à¤°à¥ˆà¤‚डन बरà¥à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¡ à¤à¥€ शामिल थे, जिनका मामला किशोर अपराधियों की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ और सà¥à¤§à¤¾à¤° पर बहस का केंदà¥à¤° बन गया था।
टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª ने अपने 2022 के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के दौरान à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया था, 'हम मादक पदारà¥à¤¥ बेचने वाले और पकड़े जाने वाले हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से उनके जघनà¥à¤¯ कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठमौत की सजा पाने के लिठकहने जा रहे हैं।' उनके पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में गैर-हतà¥à¤¯à¤¾ के अपराधों जैसे बाल यौन शोषण और डà¥à¤°à¤— तसà¥à¤•री के लिठà¤à¥€ फेडरल सरकार की तरफ से मौत की सजा को बढ़ाना शामिल है। मानवाधिकार कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने इसे कानूनी तौर पर संदिगà¥à¤§ और नैतिक रूप से परेशान करने वाला बताया है।
टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मौत की सजा के लिठचà¥à¤¨à¥‡ गठकैदियों में नसà¥à¤²à¥€à¤¯ असमानता को लेकर à¤à¥€ आलोचना हà¥à¤ˆ है। उनके पहले दौर में मौत की सजा पाने वाले पांच कैदियों में से चार अफà¥à¤°à¥€à¤•ी-अमेरिकी थे। यह समय देश में आपराधिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ में नसà¥à¤²à¥€à¤¯ असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ने का समय à¤à¥€ था।
मौत की सजा पर बाइडेन का रà¥à¤– à¤à¥€ काफी बदल गया है। 1990 के दशक में सीनेटर रहते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 1994 के उस अपराध विधेयक का समरà¥à¤¥à¤¨ किया था जिसने फेडरल सरकार की तरफ से मौत की सजा को बढ़ाया था। आज, वे इसे पूरी तरह से खतà¥à¤® करना चाहते हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कई बार गलत लोगों को सजा मिलने और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में पकà¥à¤·à¤ªà¤¾à¤¤ के मामले सामने आठहैं। उनके पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने मौत की सजा को खतà¥à¤® करने और राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ करने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने का वादा किया है।
हालांकि पीड़ितों के परिवार का कहना है कि बाइडेन के इस फैसले से उन लोगों के दà¥à¤– और कषà¥à¤Ÿ को नजरअंदाज किया गया है, जिनपर अपराधों का असर पड़ा है। हेदर टरà¥à¤¨à¤° की मां की 2017 में à¤à¤• बैंक डकैती के दौरान हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने फेसबà¥à¤• पर लिखा कि यह फैसला 'सतà¥à¤¤à¤¾ का घोर दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤—' है और बाइडेन के 'हाथों पर खून लगा है।'
कानूनी परिदृशà¥à¤¯ और आगे की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚
टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª की मौत की सजा को बढ़ाने की योजनाओं के सामने कानूनी तौर पर कई बड़ी बाधाà¤à¤‚ हैं। अमेरिकी सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ पहले ही इस बात के खिलाफ फैसला सà¥à¤¨à¤¾ चà¥à¤•ा है कि हतà¥à¤¯à¤¾ जैसे अपराधों को छोड़कर, बाल यौन शोषण जैसे अपराधों में मौत की सजा नहीं दी जा सकती। इसके अलावा, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ मामलों में गलत इलà¥à¤œà¤¾à¤® लगने की आशंका जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होती है, जिससे टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª का à¤à¤œà¥‡à¤‚डा और à¤à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•िल हो जाता है।
हालांकि टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª, बाइडेन के फैसले को पलट नहीं सकते, लेकिन उनकी बातों का असर राजà¥à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर मौत की सजाओं पर पड़ सकता है। फिलहाल 27 राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में मौत की सजा है, à¤à¤²à¥‡ ही इसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जनता का समरà¥à¤¥à¤¨ कम हà¥à¤† है। 2024 के गैलप सरà¥à¤µà¥‡ में 53 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ लोगों ने हतà¥à¤¯à¤¾ के मामलों में मौत की सजा के पकà¥à¤· में राय दी है।
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