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मौत की सजा पर सियासी घमासान: बाइडेन ने 37 कैदियों को दी राहत, ट्रम्प खेमा भड़का

23 दिसंबर को राष्ट्रपति बाइडेन ने 37 कैदियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इस कदम से मानवाधिकार संगठन खुश हैं, लेकिन रिपब्लिकन नेताओं और ट्रम्प समर्थकों ने इसे पीड़ितों के साथ धोखा बताया है।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प और निवर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन की फाइल फोटो / Reuters

23 दिसंबर को à¤à¤• बड़े फैसले में à¤…मेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने मौत की सजा पाने वाले 37 कैदियों की सजा को कम करके उम्रकैद कर दिया है। अब इन्हें आजीवन à¤œà¥‡à¤² में रहना होगा à¤”र पैरोल की भी कोई उम्मीद नहीं है। कुल 40 कैदियों में से तीन लोग - बोस्टन मैराथन बम धमाके का आरोपी जोखार त्सारनायेव, पिट्सबर्ग के सिनागॉग में गोलीबारी करने वाला रॉबर्ट बाउअर्स à¤”र चार्ल्सटन चर्च में गोलीबारी करने वाला डायलन रूफ - अब भी मौत की सजा à¤•ा सामना कर रहे हैं। 

एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। इसे फेडरल à¤¸à¤°à¤•ार की तरफ à¤¸à¥‡ दी जाने वाली मौत की सजा à¤•ो खत्म करने की दिशा में एक कदम बताया है। लेकिन रिपब्लिकन नेताओं और ट्रम्प के समर्थकों की प्रतिक्रिया तुरंत और कड़ी आई है। à¤ªà¥‚र्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कम्युनिकेशंस डायरेक्टर स्टीवन चेंग ने कहा, 'यह पीड़ितों, उनके परिवारों और उनके अपनों के साथ धोखा है। राष्ट्रपति ट्रम्प कानून के शासन के पक्षधर हैं। à¤œà¤¬ वह व्हाइट हाउस में वापस आएंगे तो कानून का राज फिर से कायम होगा।'

अर्कांसस के सीनेटर टॉम कॉटन ने बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कानून का पालन करने वाले नागरिकों के बजाय अपराधियों को तरजीह दी है। वहीं, टेक्सास के प्रतिनिधि चिप रॉय ने इस फैसले को 'अकल्पनीय à¤”र सत्ता का दुरूपयोग' à¤¬à¤¤à¤¾à¤¯à¤¾ है। 

बाइडेन और ट्रम्प के विचारों में जमीन आसमान का अंतर

मौत की सजा मामले में पर बाइडेन और ट्रम्प के विचारों में जमीन आसमान का अंतर है। ट्रम्प के पहले कार्यकाल में 17 साल के अंतराल के बाद केंद्र सरकार की तरफ à¤¸à¥‡ मौत की सजा à¤•ो फिर से लागू करने का एक बड़ा कदम उठाया गया था। à¤œà¤¿à¤¸à¤®à¥‡à¤‚ छह महीनों में 13 कैदियों को मौत की सजा à¤¦à¥€ गई थी। इनमें लिसा मोंटगोमरी भी शामिल थीं, जिन्हें 1953 के बाद फेडरल à¤¸à¤°à¤•ार की तरफ à¤¸à¥‡ मौत की सजा à¤ªà¤¾à¤¨à¥‡ वाली पहली महिला बना दिया गया था। ब्रैंडन बर्नार्ड भी शामिल थे, जिनका मामला किशोर अपराधियों की जिम्मेदारी और सुधार पर बहस का केंद्र बन गया था।

ट्रम्प ने अपने 2022 के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ऐलान किया था, 'हम मादक पदार्थ बेचने वाले और पकड़े जाने वाले हर व्यक्ति से उनके जघन्य कृत्यों के लिए मौत की सजा पाने के लिए कहने जा रहे हैं।' à¤‰à¤¨à¤•े प्रस्तावों में गैर-हत्या के अपराधों जैसे बाल यौन शोषण और ड्रग तस्करी के लिए भी फेडरल à¤¸à¤°à¤•ार की तरफ à¤¸à¥‡ मौत की सजा à¤•ो बढ़ाना शामिल है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे कानूनी तौर पर संदिग्ध और नैतिक रूप से परेशान करने वाला बताया है।

ट्रम्प द्वारा मौत की सजा à¤•े लिए चुने गए कैदियों में नस्लीय असमानता को लेकर भी आलोचना हुई है। उनके पहले दौर में मौत की सजा à¤ªà¤¾à¤¨à¥‡ वाले पांच कैदियों में से चार अफ्रीकी-अमेरिकी थे। यह समय देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में नस्लीय असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ने का समय भी था।

मौत की सजा à¤ªà¤° बाइडेन का रुख à¤­à¥€ काफी बदल गया है। 1990 के दशक में सीनेटर रहते हुए उन्होंने 1994 के उस अपराध विधेयक का समर्थन किया था जिसने फेडरल à¤¸à¤°à¤•ार की तरफ à¤¸à¥‡ मौत की सजा à¤•ो बढ़ाया था। आज, वे इसे पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि कई बार गलत लोगों को सजा à¤®à¤¿à¤²à¤¨à¥‡ और न्यायिक व्यवस्था में पक्षपात के मामले सामने आए à¤¹à¥ˆà¤‚। उनके प्रशासन à¤¨à¥‡ मौत की सजा à¤•ो खत्म करने और राज्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने का वादा किया है। 

हालांकि पीड़ितों के परिवार का कहना है कि बाइडेन के इस फैसले से उन लोगों के दुख और कष्ट को नजरअंदाज à¤•िया गया है, जिनपर अपराधों का असर पड़ा है। हेदर टर्नर à¤•ी मां à¤•ी 2017 में एक बैंक डकैती के दौरान हत्या कर दी गई थी। à¤‰à¤¨à¥à¤¹à¥‹à¤‚ने फेसबुक पर लिखा कि यह फैसला 'सत्ता का घोर दुरुपयोग' à¤¹à¥ˆ और बाइडेन के 'हाथों पर खून लगा है।'

कानूनी परिदृश्य और आगे की चुनौतियां

ट्रम्प की मौत की सजा à¤•ो बढ़ाने की योजनाओं के सामने कानूनी तौर पर कई बड़ी बाधाएं à¤¹à¥ˆà¤‚। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस बात के खिलाफ à¤«à¥ˆà¤¸à¤²à¤¾ सुना चुका है कि हत्या जैसे अपराधों को छोड़कर, बाल यौन शोषण जैसे अपराधों में मौत की सजा à¤¨à¤¹à¥€à¤‚ दी जा सकती। इसके अलावा, बच्चों से जुड़े मामलों में गलत इल्जाम à¤²à¤—ने की आशंका ज्यादा होती है, जिससे ट्रम्प का एजेंडा और भी मुश्किल हो जाता है।

हालांकि ट्रम्प, बाइडेन के फैसले को पलट नहीं सकते, लेकिन उनकी बातों का असर राज्य स्तर पर मौत की सजाओं पर पड़ सकता है। फिलहाल 27 राज्यों में मौत की सजा à¤¹à¥ˆ, भले ही इसके प्रति जनता का समर्थन कम हुआ है। 2024 के गैलप सर्वे में 53 प्रतिशत लोगों ने हत्या के मामलों में मौत की सजा à¤•े पक्ष में राय दी है। 

 

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