सितंबर 2024 की à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ सà¥à¤¬à¤¹ मà¥à¤à¥‡ इस साल फरवरी में होने वाले 'सà¥à¤¬à¤¹-à¤-बनारस' के जलà¥à¤¦à¥€ सà¥à¤¬à¤¹ वाले सेशन में गाने का नà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¾ मिला। इसके बाद मà¥à¤à¥‡ संसà¥à¤•ार à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आरà¥à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनारस में आयोजित 'नाद यातà¥à¤°à¤¾' पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® में à¤à¥€ गाने का बà¥à¤²à¤¾à¤µà¤¾ आ गया। करीब 3000 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾, पवितà¥à¤° शहर बनारस संगीत का बहà¥à¤¤ बड़ा केंदà¥à¤° है।
यहां के मशहूर गायक, शहनाई, सितार, वीणा और तबला कलाकारों ने बनारस को दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के संगीत मानचितà¥à¤° पर अहम जगह दिलाई है। à¤à¤¸à¥‡ में बनारस में गाने का मौका मेरे लिठबहà¥à¤¤ कीमती था।
जब 'नाद यातà¥à¤°à¤¾' और 'सà¥à¤¬à¤¹-à¤-बनारस' दोनों के कंफरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨ मिल गठऔर तारीखें 27 और 28 फरवरी 2025 तय हो गईं, तो मैंने तà¥à¤°à¤‚त बनारस जाने के लिठफà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿ के टिकट खरीद लिà¤à¥¤ लेकिन मà¥à¤à¥‡ बिलà¥à¤•à¥à¤² अंदाजा नहीं था कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकà¥à¤‚ठमेला à¤à¥€ चल रहा होगा और 26 फरवरी को महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ à¤à¥€ है।
जनवरी के तीसरे हफà¥à¤¤à¥‡ से महाकà¥à¤‚ठमेले की खबरें हर जगह आने लगीं। लाखों लोग पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज जा रहे थे। पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• और रेकॉरà¥à¤¡ तोड़ मेले को देख रही थी। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग जो पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज जा रहे थे, वे अयोधà¥à¤¯à¤¾ और बनारस à¤à¥€ जा रहे थे। बनारस में à¤à¥€à¤¡à¤¼ अपनी हदें पार कर रही थीं। ऊपर से 26 फरवरी को महाशिवरातà¥à¤°à¤¿, जब लाखों लोग काशी विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर में दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठबनारस आते हैं।
इसी महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ के दिन मैं बनारस à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर उतरा। किसà¥à¤®à¤¤ से मà¥à¤à¥‡ सिटी सेंटर में बने होटल तक जाने के लिठटैकà¥à¤¸à¥€ मिल गई। टैकà¥à¤¸à¥€ डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° ने à¤à¤ª में दिख रहे किराठसे दोगà¥à¤¨à¤¾ पैसा मांगा। मजबूरी में मानना पड़ा। जैसे-जैसे शहर की तरफ बढ़े, à¤à¥€à¤¡à¤¼ का आलम दिखने लगा। शहर की तरफ जाने वाली सड़कें चार पहिया गाड़ियों के लिठबंद थीं। हमें लंबा चकà¥à¤•र काटना पड़ा, जिससे 90 मिनट जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लग गà¤à¥¤ होटल के पास सड़क इतनी संकरी थी कि टैकà¥à¤¸à¥€ वहां नहीं जा सकती थी, तो मà¥à¤à¥‡ सूटकेस लेकर पैदल जाना पड़ा। खैर, आखिरकार मैं सही वकà¥à¤¤ पर होटल पहà¥à¤‚च गया।
गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤°, 27 फरवरी की दोपहर मैं इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आरà¥à¤Ÿ (IGNCA) पहà¥à¤‚चा। वहां के डायरेकà¥à¤Ÿà¤° अà¤à¤¿à¤œà¥€à¤¤ दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ ने मà¥à¤à¥‡ सेंटर का जलà¥à¤¦à¥€ से टूर करवाया। यहां कई रिसरà¥à¤šà¤°, गाने-बजाने और नृतà¥à¤¯ समेत सà¤à¥€ आरà¥à¤Ÿà¥à¤¸ में रिसरà¥à¤š करते हैं। सेंटर में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ किताबों और पांडà¥à¤²à¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का शानदार कलेकà¥à¤¶à¤¨ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में 'दतà¥à¤¤à¤¿à¤²à¤®' संगीत पर सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ संसà¥à¤•ृत किताब है, जो सेंकड़ों साल पहले लिखी गई थी। IGNCA ने इसका इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ टà¥à¤°à¤¾à¤‚सलेशन à¤à¥€ तैयार किया है, जिसे देखकर मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶à¥€ हà¥à¤ˆà¥¤
शाम 4 बजे 'नाद यातà¥à¤°à¤¾' की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ बनारस के आनंद मिशà¥à¤°à¤¾ के तबला सोलो से हà¥à¤ˆà¥¤ उनकी शानदार पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के बाद मैंने राग मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ से गायन शà¥à¤°à¥‚ किया। मà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ में दो बंदिशें गाने के बाद, मैंने राग गोरख कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में दो बंदिशें, जिनमें à¤à¤• तराना à¤à¥€ थी, सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆà¤‚। चूंकि पिछला दिन महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ था, इसलिठमैंने राग यमन में शिव पंचाकà¥à¤·à¤° सà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤° 'नागेंदà¥à¤° हाराय' गाया। मेरे साथ बनारस के दो बहà¥à¤¤ हà¥à¤¨à¤°à¤®à¤‚द संगतकार थे—तबले पर पंकज राय और हारमोनियम पर मोहित सहानी। मà¥à¤à¥‡ वहां बनारस की खास à¤à¤²à¤• दिखाने वाला सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹ और बनारसी दà¥à¤ªà¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ देकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। आयोजकों की मेहमाननवाजी दिल छू लेने वाली थी।
कंसरà¥à¤Ÿ के बाद, बनारस हिंदू यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ (BHU) के मà¥à¤¯à¥‚जिक के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° पà¥à¤°à¥‹. अमà¥à¤¬à¤°à¥€à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤° चंचल जी ने मà¥à¤à¥‡ अपने घर डिनर के लिठबà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ मà¥à¤¯à¥‚जिक थेरेपी उनका पसंदीदा विषय है। पà¥à¤°à¥‹. चंचल जी से मेरी जान-पहचान 'राग à¤à¤‚ड रिदà¥à¤® फॉर हेलà¥à¤¥' इनिशिà¤à¤Ÿà¤¿à¤µ के चलते हà¥à¤ˆ थी, जो मैंने अपने साथी संगीतकारों के साथ शà¥à¤°à¥‚ किया था। हमारी बातचीत में इसी पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ पर चरà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤ˆ और कà¥à¤› नठआइडिया à¤à¥€ आà¤à¥¤ चंचल जी के घर की गरà¥à¤®à¤œà¥‹à¤¶à¥€ और मेहमाननवाजी कमाल की थी, लेकिन मà¥à¤à¥‡ अगली सà¥à¤¬à¤¹ 'सà¥à¤¬à¤¹-à¤-बनारस' में गाना था, इसलिठजलà¥à¤¦à¥€ निकलना पड़ा।
'सà¥à¤¬à¤¹-à¤-बनारस' कई सालों से बनारस की खास परंपरा है। गंगा किनारे कई घाट हैं और ये पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® असà¥à¤¸à¥€ घाट पर होता है। यहां रोज सूरज निकलने से पहले संगीत कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® शà¥à¤°à¥‚ होता है। मà¥à¤à¥‡ खà¥à¤¶à¥€ है कि मà¥à¤à¥‡ इस लंबी परंपरा का हिसà¥à¤¸à¤¾ बनने और गाने का मौका मिला।
शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤°, 28 फरवरी को मैं सूरज निकलने से काफी पहले असà¥à¤¸à¥€ घाट पहà¥à¤‚च गया। वहां संगीत के लिठखास मंच बना था। साउंड सिसà¥à¤Ÿà¤® जबरदसà¥à¤¤ था। सà¥à¤¬à¤¹ की ठंडी हवा और आसमान में गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€-लाल रंग, जैसे हर तरफ गà¥à¤²à¤¾à¤² बिखरा हो। सूरज निकलने में थोड़ा वकà¥à¤¤ था और गंगा का पानी शांत था। मंच से बाकी घाट और मंदिरों के शिखर दिख रहे थे। à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤‚दर और पावन माहौल में मैंने राग जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤•ली में 'सीस धरन गंग' गाना शà¥à¤°à¥‚ किया, जो बाबा विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है। इसमें बताया गया है कि गंगा बाबा विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ के सिर से निकलती है। जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤•ली के बाद, जैसे ही सूरज निकला, मैंने राग à¤à¥ˆà¤°à¤µ में 'सूरà¥à¤¯à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤•म' गाया। इसके बाद राग शंकरा में 'मंगल मूरà¥à¤¤à¤¿, मरà¥à¤¤ नंदन' à¤à¤œà¤¨ सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ यह à¤à¤œà¤¨ संत तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ जी ने लिखा था, जो कई साल बनारस में रहे। उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देना मेरे लिठजरूरी था और मà¥à¤à¥‡ ये मौका मिला। मेरे साथ वही तबला और हारमोनियम वाले संगतकार थे।
मेरी आखिरी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के बाद आयोजकों ने मà¥à¤à¥‡ और मेरे संगतकारों पर फूल बरसाà¤à¥¤ à¤à¤¸à¥€ तारीफ की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ नहीं थी, बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगा। आयोजकों ने मेरा समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•ेट à¤à¥€ दिया।
शानदार मà¥à¤¯à¥‚जिक पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® के बाद, तबला वादक पंकज जी मà¥à¤à¥‡ लेमन टी पिलाने à¤à¤• मशहूर चाय की दà¥à¤•ान ले गà¤à¥¤ बनारस की ये छोटी सी चाय दà¥à¤•ान बहà¥à¤¤ फेमस है। चाय पीने के बाद, पंकज जी ने मà¥à¤à¥‡ बनारसी पान à¤à¥€ खिलाया। मैं सà¥à¤¬à¤¹ आठबजे पान खाने का आदी नहीं हूं, लेकिन पंकज जी ने इतना जोर दिया कि मना नहीं कर सका। तो, 'खईके पान बनारस वाला' वाली फीलिंग आ गई।
संगीत और कलाकारों की कदà¥à¤°, शानदार मेहमाननवाजी, बेहतरीन संगत और शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं की जबरदसà¥à¤¤ तालियां, ये सब बनारस की यादें हमेशा मेरे दिल में रहेंगी।
आखिर में, 'राग à¤à¤‚ड रिदà¥à¤® फॉर हेलà¥à¤¥' इनिशिà¤à¤Ÿà¤¿à¤µ का छोटा सा परिचय—संगीत अनिदà¥à¤°à¤¾, चिंता, हाई बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° और डायबिटीज जैसी कई परेशानियों में असरदार है। सामाजिक सेवा के तौर पर, मैं और मेरे साथी हर महीने à¤à¤• मà¥à¤¯à¥‚जिक पॉडकासà¥à¤Ÿ बनाते हैं और फà¥à¤°à¥€ में बांटते हैं। पहला पॉडकासà¥à¤Ÿ 1 जून 2024 को रिलीज हà¥à¤† था। तब से हर महीने किसी à¤à¤• बीमारी के लिठ20-30 मिनट का मà¥à¤¯à¥‚जिक पॉडकासà¥à¤Ÿ रिलीज करते हैं। हर महीने हमें बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ रिसà¥à¤ªà¥‰à¤¨à¥à¤¸ मिलता है। संगीत पॉजिटिव à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ और शांति देता है, जिससे हमारे शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को काफी फायदा हà¥à¤† है। अगर आप 'राग à¤à¤‚ड रिदà¥à¤® फॉर हेलà¥à¤¥' के मà¥à¤¯à¥‚जिक पॉडकासà¥à¤Ÿ पाना चाहते हैं, तो RaagAndRhythmForHealth@gmail.com पर ईमेल à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤‚।
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