Login Popup Login SUBSCRIBE

ADVERTISEMENTs

भारतीय झींगा के खिलाफ क्यों भड़के हुए हैं अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर बिल कैसिडी?

सीनेटर ने आरोप लगाया कि भारतीय झींगा जबरन मजदूरी पर निर्भर करता है और अवैध एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। USTR को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करने की आवश्यकता है कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान न पहुंचे।

सीनेटर कैसिडी ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि से भारतीय झींगा उद्योग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। / Veronica

लुइसियाना से रिपब्लिकन सीनेटर बिल कैसिडी ने जोरदार ढंग से तर्क दिया है कि भारतीय झींगा को कई कारणों से अमेरिका में नहीं लाना चाहिए। उनका आरोप है कि भारत से आयातित झींगा जबरन मजदूरी कर तैयार किया जाता है और इसमें कई अवैध एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीनेटर ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि से भारतीय झींगा उद्योग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सीनेटर बिल कैसिडी ने यह बयान बुधवार को भारत से अमेरिका में आयातित झींगा की सुरक्षा पर ‘आउटलॉ ओशन प्रोजेक्ट’ की रिपोर्ट जारी होने के बाद किया। सीनेटर का कहना है कि भारत में चॉइस कैनिंग कंपनी के झींगा तैयार होने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को बताने वाली रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय झींगा लुइसियाना झींगा के साथ शेल्फ पर क्यों नहीं है।

सीनेटर ने आरोप लगाया कि भारतीय झींगा जबरन मजदूरी पर निर्भर करता है और अवैध एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। USTR को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करने की आवश्यकता है कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान न पहुंचे। बता दें कि पिछले साल, कैसिडी ने लुइसियाना झींगा को भारत के झींगा से और अमेरिकी बाजारों में इसके निर्यात से बचाने के लिए दो विधेयक पेश किए थे।

सीनेटर कैसिडी की टिप्पणी एक अमेरिकी जोशुआ फारिनेला की शिकायत पर आधारित है। वह आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में एक कंपनी से अपनी नौकरी छोड़ने के बाद अमेरिका लौट आए और कई संघीय एजेंसियों को शिकायतें दर्ज कराई थीं। जिनमें कई खाद्य और सुरक्षा उल्लंघनों का आरोप लगाया गया था। नियमों का जानबूझकर उल्लंघन किया गया था। चॉइस कैनिंग ने इससे इनकार किया है कि उन्होंने कभी संयुक्त राज्य अमेरिका में एंटीबायोटिक्स युक्त झींगा भेजा है।

बताया गया है कि चॉइस कैनिंग सहित तीन कंपनियों ने 2023 में भारतीय झींगा का लगभग 12 प्रतिशत संयुक्त राज्य अमेरिका भेजा था। इसे प्रमुख अमेरिकी और यूरोपीय खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ दुनिया भर के कई अमेरिकी सैन्य ठिकानों में भी बेचा जाता है। कहा गया है कि भारत का यह उद्योग अमेरिका में खपत होने वाले सभी झींगा का लगभग 40 प्रतिशत सप्लाई करता है।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related